Author: Romi Saheb
मुख़्तलिफ़ एहसास है साहेब ये किताब कई तरह की कविताओं विचारों और समाज की हकीकत दिखाने वाली कुछ कहानियों वाली एक किताब है,कभी कभी समाज को आइना दिखाने के लिए शब्द को तलवार की धार सा मजबूत करना पड़ता है जो शायद चूभ भी जाते है।
कभी-कभी कविताएँ कहानिया मोह्हबत और समाज की तहरीर को ठीक कर सकती हैं या चोट पहुँचा सकती हैं। हमारी कविताएं वही हैं जो आपके टूटे हुए दिल को ठीक करती हैं, और कहानियां शायद उनके बारे में जो जैसा विचार बना ले क्योँकि हम सिर्फ समाज की सूरत दिखाने की कोशिश कर रहे है और अपनी कविताओं के माध्यम से कुछ दिलो में नए ख्वाब जगाने और कुछ दिलों में पुराने ज़ख्म कुरेदने का काम कर रहे ।
Mukhtlif Ehsaas hai Saheb
We don't offer Return and Refund policy.











